इस गांव को नमन, यहां एक छत के नीचे लगी हुई पांच शहीदों की प्रतिमा, VIDEO

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रविंद्र चौधरी/ झुंझुनू. जहां बात शौर्य और पराक्रम की होती है तो वहां पर शेखावाटी के झुंझुनू जिले का नाम सबसे अग्रणी पंक्ति में आता है. इसी मिसाल को बनाए रखते हुए झुंझुनू में एक ऐसा गांव है जहां पर एक ही छत के नीचे पांच शहीदों की प्रतिमाएं लगी हुई है, यह गांव झुंझुनू से 35 किलोमीटर दूर स्टेट हाईवे 37 पर स्थित है. संभावित पोसाना देश का पहला ऐसा गांव है जहां पर एक साथ एक छत के नीचे पांच शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित की गई है इस शहीद स्मारक में उन वीर सेनानियों की प्रतिमा भी स्थापित की गई है जिन्होंने देश की आजादी में भी अपनी अग्रणी भूमिका निभाई थी.

जानकारी देते हुए पूर्व सैनिक सूबेदार नंद देव ने बताया कि यह स्मारक बनाने के लिए प्रेरणा पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री प्रेम सिंह बाजोर के द्वारा मिली कि जब एक गांव में इतने शहीद हैं तो उनकी प्रतिमाएं क्यों नहीं लगाई गई है उन्हीं की प्रेरणा और सहयोग से गांव में यह शहीद स्मारक बन पाया, जहां पर आज पांच शहीदों की प्रतिमा स्थापित है. वहीं गांव में ही दो ओर शहीदों की प्रतिमाएं लगनी अभी बाकी है.

पांच शहीदों की यहां लगी हुई है प्रतिमा
आपको बता दें कि पोसाना के शहीद स्मारक में पांच शहीदों की प्रतिमाओं को एक स्थान पर स्थापित की गई है, जिनमें से दो शहीद आजादी से पहले के है जो 1945 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध के शहीद हैं जिनके नाम सेडूराम में चू व जोधाराम महला है. इनके अलावा 1962 के शहीद बोहितराम, 1967 के शहीद बालाराम खेरवा तथा 2009 के शहीद धर्मपाल सिंह की प्रतिमाएं यहां पर लगाई गई है. स्टेट हाईवे पर स्थित होने की वजह से आज यह स्मारक लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गांव में या आसपास के एरिया में कोई भी प्रोग्राम आयोजित करवाया जाता है तो लोग सबसे पहले यहां आकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

अभी दो और शहीदों की प्रतिमा लगना बाकी
जानकारी देते हुए पूर्व सैनिक सूबेदार नंद देव ने बताया कि यह स्मारक बनाने के लिए प्रेरणा पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री प्रेम सिंह बाजोर के द्वारा मिली कि जब एक गांव में इतने शहीदहैं तो उनकी प्रतिमाएं क्यों नहीं लगाई गई है. उन्हीं की प्रेरणा और सहयोग से गांव में यह शहीद स्मारक बन पाया, जहां पर आज पांच शहीदों की प्रतिमा स्थापित है वह गांव में ही दो ओर शहीदों की प्रतिमाएं लगनी अभी बाकी है.

Tags: Jhunjhunu news, Local18, Martyrs



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